Bullish Engulfing Pattern | बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न कैसे काम करता हैं ?

Bhawani
4 Min Read

दोस्तों आज हम Bullish Engulfing Pattern के बारे मे बात करने वाले है जो कि एक बुलिश रिवर्सल चार्ट पेटर्न है जो यह संकेत देता है कि बाजार में तेजी आने वाली है। इसे समझना बहुत आसान है और यह खासतौर पर उन निवेशकों के लिए उपयोगी है जो तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) के जरिए सही समय पर खरीदारी करना चाहते हैं। चलिए जानते हैं ये कैसे काम करता है।

क्या है बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न?

यह पैटर्न दो कैंडलों से बनता है। पहली कैंडल लाल (Bearish) होती है, जो यह दर्शाती है कि बाजार में seller का दबदबा है। इसके बाद दूसरी कैंडल हरी (Bullish) होती है, जो पहली कैंडल के पूरे शरीर को कवर कर लेती है। यही ‘एंगुलफिंग’ कहलाता है।

यह पैटर्न बाजार में सपोर्ट एरिया पर बनता है, जहां कीमतें नीचे गिरते-गिरते स्थिर हो जाती हैं और खरीददार धीरे-धीरे हावी होने लगते हैं।

बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न कैसे पहचानें?

1. डाउनट्रेंड की मौजूदगी: सबसे पहले, बाजार में लगातार गिरावट होनी चाहिए।

2. पहली कैंडल (Bearish Candle): यह लाल रंग की होती है और कीमतों में गिरावट को दर्शाती है।

3. दूसरी कैंडल (Bullish Candle): यह हरे रंग की होती है और पहली कैंडल को पूरी तरह से घेर लेती है। इसका शरीर (Body) पहली कैंडल से बड़ा होता है।

4. सपोर्ट लेवल पर निर्माण: यह पैटर्न अक्सर उस स्तर पर बनता है, जहां बाजार रुकने या पलटने की संभावना होती है।

यह पैटर्न क्यों बनता है?

बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न बाजार में खरीददारों के बढ़ते दबाव को दिखाता है। जब बाजार में कीमतें गिर रही होती हैं, तो एक समय ऐसा आता है जब खरीदारी का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव के कारण अगली कैंडल तेजी से ऊपर जाती है और विक्रेताओं को पछाड़ देती है।

इसका ट्रेडिंग में कैसे इस्तेमाल करें?

1. खरीदारी का सही समय: जब यह पैटर्न बन जाए, तो यह संकेत देता है कि कीमतें ऊपर जाने वाली हैं।

2. एंट्री पॉइंट: दूसरी कैंडल के बंद होने के तुरंत बाद खरीदारी करें।

3. स्टॉप लॉस: पहली कैंडल के न्यूनतम स्तर (Low) से थोड़ा नीचे स्टॉप लॉस सेट करें।

4. टारगेट प्राइस: पिछले रेजिस्टेंस लेवल तक या अपने जोखिम-लाभ अनुपात (Risk-Reward Ratio) के हिसाब से टारगेट तय करें।

ध्यान रखने वाली बातें

हमेशा वॉल्यूम (Volume) देखें। अगर इस पैटर्न के दौरान वॉल्यूम अधिक है, तो यह पैटर्न अधिक मजबूत माना जाता है।

अन्य तकनीकी संकेतकों (जैसे RSI, MACD) के साथ इस पैटर्न की पुष्टि करें। इस अलावा मार्केट का ट्रेड भी देखें।

हर बार यह पैटर्न 100% सटीक नहीं होता, इसलिए सतर्क रहें।

निष्कर्ष

बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न शेयर बाजार में तेजी की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि बाजार में खरीददारों का दबाव बढ़ रहा है और कीमतें ऊपर जाने वाली हैं। इस पैटर्न का सही समय पर उपयोग करके आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

हालांकि, इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए तकनीकी विश्लेषण का अभ्यास और बाजार के अन्य संकेतकों के साथ इसका संयोजन आवश्यक है। वॉल्यूम और सपोर्ट-रेजिस्टेंस जैसे पहलुओं पर ध्यान देकर आप इस पैटर्न का अधिकतम फायदा उठा सकते हैं। सही रणनीति, धैर्य और सतर्कता के साथ, बुलिश एंगुलफिंग पैटर्न एक प्रभावी निवेश उपकरण बन सकता है।

Share This Article
By Bhawani
Follow:
दोस्तों मेरा नाम है भवानी सिंह और मैं 5 साल से कंटेंट राइटर हूं
Leave a comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *